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CONTROL YOUR B.P ( BLOOD PRESSURE) WITH NATURAL AYURVEDA !! # high B.P #उच्च व निम्न रक्तचाप के उपाय # आयुर्वेदिक रेमेडीज

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रक्तचाप   रक्तवाहिनियों में बहते   रक्तचाप  वाहिनियों की दीवारों पर द्वारा डाले गये दबाव को कहते हैं। धमनियां वह नलिका है जो पंप करने वाले हृदय से रक्त को शरीर के सभी ऊतको और इंद्रियों तक ले जाते हैं। ह्रदय , रक्त को धमनियों में पंप करके धमनियों में रक्त प्रवाह को विनियमित करता है और इसपर लगने वाले दबाव को ही रक्तचाप कहते हैं। ब्लड प्रेशर   हाई ब्लड प्रेशर इन दिनों आम हो चला है। हाई ब्लड प्रेशर में धमनियों में रक्‍त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव के कारण धमनियों में रक्‍त प्रवाह सुचारू बनाये रखने के लिए दिल को अधिक काम करना पड़ता है। कई लोग इस समस्‍या की गंभीरता से अनभिज्ञ होते हैं। हाई बीपी हृदय रोग का कारण हो सकता है। लेकिन कुछ  उपचार को अपनाकर आप काफी हद तक इस बीमारी से बच सकते हैं। उच्च रक्तचाप (Hypertension) कहलाता है। इसका अर्थ है कि धमनियों में उच्च चाप (तनाव) है। उच्च रक्तचाप का अर्थ यह नहीं है कि अत्यधिक भावनात्मक तनाव हो। भावनात्मक तनाव व दबाव अस्थायी तौर पर रक्त के दाब को बढ़ा देते हैं। सामान्यतः रक्तचाप १२०/८० से कम होनी चाहि...

Suicide is preventable; all one needs to do is talk! WORLD MENTAL HEALTH DAY :10 OCT #LETS SAVE LIVES WITH SIMPLE TIPS

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"Prioritising prevention of suicide need of the hour" Suicide is preventable; all one needs to do is talk! Every 40 seconds, someone takes their life; that is almost 800,000 people a year, around the world. India reports 10.4 suicides per 100,000 people in a year. The national mental health survey in 2016 conducted by the National Institute of Mental Health and Neurosciences (NIMHANS) revealed that 13.7% of India’s population is suffering from a variety of mental illnesses and 10.6% of them require immediate treatment. A  World Health Organization (WHO) report revealed that the suicide rate in India in 2015 was 15.7/100000, higher than the global average (10.6/100000). This remains a massive unaddressed issue. Suicide is the leading cause of death among those aged between 15 to 29 in India. Apart from suicide, other mental illnesses such as depression are on the rise in India. International Association for Suicide Preve...

W.H.O - NEW AIMS & STRATEGIES to save millions of lives from meningitis. # URGENT ACTION of W.H.O on meningitis # MENINGITIS INTRODUCTION , CAUSES ,RISK FACTORS ,PREVENTIONS , TREATMENT ,STRATEGIES BY W.H.O for the patients of meningitis.

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MENINGITIS It is an acute inflammation of the delicate membranes of the brain & spinal cord. It can be life-threatening & spreads between people in close contact with each other. It can also be explained as acute infection or inflammation of the pia mater and arachnoid mater surrounding the brain. MENINGES It is a system of membranes that envelopes the CENTRAL NERVOUS SYSTEM. It has 3 layers 1.Dura mater 2.Arachnoid mater 3.Pia mater SUBARACHNOID SPACE It is a space between the arachnoid and pia mater, which is filled with cerebrospinal fluid. CURRENT SCENARIO OF MENINGITIS (AS PER  VIEW OF W.H.O )  World Health Organization (WHO) and partners launched the first-ever global strategy to defeat meningitis - a debilitating disease that kills hundreds of thousands of people each year. By 2030, the goals are to eliminate epidemics of bacterial meningitis – the most deadly form of the disease – and to reduce deaths by 70% and halve the number of case...

VITAMINS : KNOWLEDGE OF VITAMINS , #SOURCES #SCIENTIFIC NAME #DEFICIENCIES

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🌟 विटामिन तथा उनके रासायनिक नाम 🌟  ❂ विटामिन- A ➢ रासायनिक नाम : रेटिनाॅल ❍ कमी से रोग: रतौंधी ❖ स्त्रोत : 🥕गाजर,🥛 दध, 🥚अण्डा ,🍓फल🍉 ❂ विटामिन – B1 ➢ रासायनिक नाम: थायमिन ❍ कमी से रोग: बेरी-बेरी ❖ स्त्रोत : 🥜मगफली, आलू, 🥦सब्जीयाँ🍆 ❂ विटामिन – B2 ➢ रासायनिक नाम: राइबोफ्लेबिन ❍ कमी से रोग: त्वचा फटना, आँख का रोग ❖ स्त्रोत : 🥚अण्डा,🥛 दध,🥦 हरी सब्जियाँ ❂ विटामिन – B3 ➢ रासायनिक नाम: पैण्टोथेनिक अम्ल ❍ कमी से रोग: पैरों में जलन, बाल सफेद ❖ स्त्रोत :🍗 मांस🍖,🥛 दध, 🍅टमाटर, मुँगफली🥜 ❂ विटामिन- B5 ➢ रासायनिक नाम: निकोटिनेमाइड (नियासिन) ❍ कमी से रोग: मासिक विकार (पेलाग्रा) ❖ स्त्रोत : 🍗मांस🍖, 🥜मगफली, आलू ❂ विटामिन- B6 ➢ रासायनिक नाम: पाइरीडाॅक्सिन ❍ कमी से रोग: एनीमिया, त्वचा रोग ❖ स्त्रोत : 🥛दध, 🍗मांस,🥦 सब्जी🍆 ❂ विटामिन – H / B7 ➢ रासायनिक नाम: बायोटिन ❍ कमी से रोग: बालों का गिरना , चर्म रोग ❖ स्त्रोत : यीस्ट, गेहूँ, 🥚अण्डा ❂ विटामिन – B12 ➢ रासायनिक नाम: सायनोकोबालमिन ❍ कमी से रोग: एनीमिया, पाण्डू रोग ❖ स्त्रोत : 🍗मांस, 🍖कजेली, 🥛दध ❂ विटामिन- C ➢ रासा...

HOW TO CONTROL HAIRFALL !! AYURVEDIC TIPS TO CONTROL HAIRFALL #CAUSES #SYMPTOMS #AYURVEDIC TREATMENT # HOW TO STOP HAIRFALL ! #BEST AYURVEDIC TREATMENT

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परिचय बाल सिर्फ चेहरे की सुन्दरता ही नहीं बढ़ाते बल्कि ये गर्मी और सर्दी से सिर की रक्षा भी करते हैं। बाल सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों को शोषित करके विटामिन `ए` और `डी` को संरक्षित भी करते हैं तथा इसके साथ-ही साथ उष्णता, शीतलता, और तेज हवा से हमारे सिर की सुरक्षा भी करते हैं। जब यह बाल किसी कारण से झड़ने लगते हैं तो व्यक्ति की सुन्दरता बेकार लगने लगती हैं। इस रोग के कारण व्यक्ति के सिर के बाल झड़ने लगते हैं। जब रोगी व्यक्ति के बाल बहुत अधिक झड़ने लगते हैं तो वह गंजा सा दिखने लगता है। बाल झड़ने का कारण:- यह रोग व्यक्ति को अधिकतर तब होता है जब व्यक्ति के शरीर में विटामिन `बी´ एवं प्राकृतिक लवणों, लौह तत्व तथा आयोडीन की कमी हो जाती है। कई प्रकार के लम्बे रोग जैसे- टायफाइड, उपदंश, जुकाम, नजला, साइनस तथा रक्तहीनता (खून की कमी) आदि रोग होने के कारण भी व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं। किसी प्रकार के आघात या बहुत अधिक चिंता करने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को  हो जाता है। सिर की ठीक तरीके से सफाई न करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं। शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन के कारण भी व्यक्ति के बा...

CERVICAL SPONDYLOSIS : INTRO, CAUSES, SYMPTOMS, AYURVEDIC TREATMENTS, PRECAUTIONS # गर्दन में दर्द क़े आयुर्वेदिक उपचार # कारण #बचाब #लक्षण #आयुर्वेदिक चिकित्सा # CERVICAL PAIN

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      परिचय     उम्र के साथ हड्डियों में घिसाव व बदलाव आ जाता है। यह गर्दन की हड्डियों में भी होता है। हड्डियों में घिसाव, अन्तर हो जाने या इनके जोड़ वाले भाग की मांसपेशियों में सूजन से गर्दन का दर्द यानि सर्वाइकल स्पांडाइलोसिस (Cervical Spondolysis) होता है। यह सब गर्दन की उस हड्डी में होता है जिसे सरवाइकल स्पाइन कहते हैं। रीढ़ की हड्डी का गर्दन वाला यह भाग मेरुदण्ड (Spine) की सात कशेरूकाओं (Vertebrae) एवं उनके मध्य की डिस्क से बनता है। गर्दन की 85 प्रतिशत गतिविधियाँ ऊपर की दो कशेरूकाओं के कारण होती है। गर्दन के दर्द से होने वाली परेशानी इसमें बाधा पहुंचाती हैं। सरवाइकल स्पांडाइलोसिस पहले 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को होता था किन्तु वर्तमान समय की जीवनचर्या एवं आजीविका ने बच्चे और बड़ों सभी को गर्दन में दर्द का मरीज बना दिया है।           कारण :  सोते समय मोटे तकिए का उपयोग इसका एक कारण है।   • बैठने की गलत स्थिति के कारण, लंबे समय तक एक जैसी स्थिति में बैठना। कंप्यूटर पर ज्यादा देर तक काम करने वाले व्यक्त...

गठिया को जड़ से ख़त्म करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार #Introduction ,stages ,causes ,symptoms, precautions, AYURVEDIC TREATMENTS OF GOUT (ARTHRITIS )

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  परिचय जोड़ हड्डियों से बने होते हैं जो एक कैप्सूल यानि संपुट में होते हैं। इस कैप्सूल के ऊतक (Tissue) एक प्रकार का चिकना द्रव्य बनाते हैं जिसे सायनोवियल फ्लूड ( Synovial Fluid ) कहा जाता है।  इसी फ्लूड की सहायता से उंगलियों के जोड़ आसानी से काम करते हैं। इसी द्रव्य पर कैप्सूल के अंदर के ऊतक भी निर्भर करते हैं। गठिया (Gathiya) की समस्या उस समय पैदा होती है जब शरीर बहुत ज्यादा यूरिक एसिड बनाने लगता है और उसके कण कैप्सूल के अंदर पहुंचने लगते हैं।   कैसे फैलता है गठिया (Stages of Gout)  गठिया (Gathiya) की शुरूआत सबसे पहले पंजों से होती है। अधिकांश रोगियों (लगभग 50%) में पैर के अंगूठे के जोड़ (मेटाटारसल-फेलेंजियल जोड़) में तकलीफ होती है। तब इसे पोडोग्रा (Podagra) भी कहते हैं। कुछ समय के बाद इसके कण शरीर के दूसरे जोड़ों तक फैल जाते हैं और यही दर्द बढ़ता हुआ कोहनी, घुटनें, हाथों की उगुंलियों के जोड़ों और ऊतकों तक पहुँचता है।   गठिया के लक्षण (Symptoms of Gout)  जोड़ों में रात को अचानक बहुत तेज दर्द होता है और सूजन आ जाती है। जोड़ लाल और गर्म महसूस ह...