AYURVEDIC APPROACH TO CONCEPTION 44 आयुर्वेदिक औषधिया for गर्भधारण # INFERTILITY MANAGEMENT
गर्भधारण के उपाय 1. मोरछली : मोरछली की छाल का चूर्ण खाने से गर्भ ठहरता है। 2. केसर : केसर और नागकेसर को 4-4 ग्राम की मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। इसकी तीन पुड़िया मासिक-धर्म समाप्त होने के तुरंत बाद खाने से गर्भ स्थापित होता है। 3. हंसपदी : हंसपदी को बारीक पीसकर पीने से स्त्री का गर्भ स्थापित होता है। 4. शंखावली : शंखाहुली या इसके पंचांग के सेवन करने से गर्भ की स्थापना अवश्य होती है। 5. गोरखमुण्डी : गोरखमुण्डी और जायफल बारीक पीसकर सेवन करने से सन्तान की अवश्य ही प्राप्ति होती है। 6. समुद्रफेन : समुद्रफेन को दही के साथ खाने से निश्चय ही गर्भ धारण होता है। 7. समुद्रफल : समुद्रफल और अजवायन के सेवन से गर्भधारण अवश्य ही होता है। 8. खिरैटी: मासिक-धर्म में सफेद खिरेटी, मुलहठी तथा मिश्री मिलाकर गाय के दूध के साथ सेवन करने से गर्भ अवश्य ठहरता है। 9. सोंठ: सोंठ, मिर्च, पीपल और नागकेशर का चूर्ण घी के साथ माहवारी समाप्ति के बाद स्त्री को सेवन कराने से गर्भ ठहर जाता है। 10 . सरसो: सफेद सरसो, बच, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, गदहपुरैना, दूधी, कूठ, मुलहठी, कुटकी, खंभारी के फल, फालसा,...