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How to REVERSE premature greying of hairs with AYURVEDA!! CAUSES & TIPS TO DEAL WITH IT!!!!

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परिचय : वैसे देखा जाए तो बढ़ती उम्र के साथ-साथ बालों का सफेद होना आम बात है, लेकिन समय से पहले बालों का सफेद हो जाना एक प्रकार का रोग है। जब यह रोग किसी व्यक्ति को हो जाता है तो उसके बाल दिनों दिन सफेद होने लगते हैं। बालों का सफेद होना एक चिंता का विषय है और विशेषकर महिलाओं के लिए। यदि बाल समय से पहले सफेद हो जाते हैं तो व्यक्ति की चेहरे की सुन्दरता अच्छी नहीं लगती है। इसलिए बालों के सफेद होने पर इसका इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से किया जा सकता है। बालों के सफेद होने का कारण:- 1. असंतुलित भोजन तथा भोजन में विटामिन `बी´, लोहतत्व, तांबा और आयोडीन की कमी होने के कारण बाल सफेद हो जाते हैं।   2. मानसिक चिंता करने के कारण भी बाल सफेद होने लगते हैं।   3. सिर की सही तरीके से सफाई न करने के कारण भी व्यक्ति के बाल सफेद होने लगते हैं। 4. कई प्रकार के रोग जैसे- साईनस, पुरानी कब्ज, रक्त का सही संचारण न होना आदि के कारण बाल सफेद हो सकते हैं। 5. रसायनयुक्त शैम्पू, साबुन, तेलों का उपयोग करने के कारण भी बाल सफेद हो सकते हैं। 6. अच्छी या पूरी नींद न लेने के कारण भी बाल सफेद हो ...

Papavera somniferum : अहिफेन #nirukti # raspanchak #botanical name#family #habitat #classifications #morphology #indications #formulations #treatment of acute poisoning #dosage #contraindications #purification of अहिफेन

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〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 🔴 AHIPHENA (अहिफेन)  〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 🌴 NIRUKTI गरलमित तीक्ष्णगुणत्वात्।। 🌴 SYNONYMS Kshir - Latex Phaniphen - snake venom Akupha - source for opium Sukshma bija - minute Seeds Sukshma kandula 🌴 REGIONAL NAME English - Opium, poppy seeds Hindi - Khaskhas Kannada - Aphim Bengali - Postodheri Telugu - Nall Mandu 🌴 Botanical name - Papavera somniferum Linn. 🌴 Family - Papaveraceae 🌴 CLASSICAL CLASSIFICATION Bhavaprakash - Haritakyadi varga 🌴 TAXONOMICAL CLASSIFICATION   Kingdom - Plantae Class - Dicotyledon Sub class - Polypetate Order - Ranales Family - Papaveraceae Genus - Papavera Species - somnifera  🌴 HABITAT Cultivated in Uttar Pradesh, Rajasthan, Madhya Pradesh, Bihar  🌴 TYPE Acc. to colour of the Flower 1. Sweta 2. Rakta 3. Pita 4. Krishna Acc. to action 1. Jarana 2. Dharana 3. Marana 4. Sarana 🌴 MORPHOLOGY • It is a annual herb with Latex. • Root is taperoot and benched. • Stem is errect, herbaceous, cylindrical, hairy with ...

'BASIC CONCEPTS OF PANCHKARMA' "Benefits of पंचकर्म " #PURIFY your body with panchkarma : The Best Therapy

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  Basic Concept of PANCHAKARMA Ayurveda is a science life that helps to achieve health and longevity. Its aim to heal and preventative therapies along with other methods of purification and rejuvenation. Panchakarma therapy is an integral part of Ayurveda, which helps in achieving a balanced state of mind, body and consciousness. It is an unique method of cleansing the body of all the unwanted waste which is beneficial for both healthy as well as diseased person. PANCHA means Five , and KARMA means Procedure . So, Panchakarma is a combination of five procedures of purification- Vamana (Emesis), Virechana (Purgation), Basti (Medicated Enema), Nasya (Instillation of medicine through nostrils) and Raktamokshana (Blood letting). It is highly personalized, scientific process of detoxification which is performed under the guidance of Ayurveda expert.  The five therapeutic procedure which constitute Panchakarma are – Vamana – Therapeutic emesis Virechana – Therapeutic purgation B...

आयुर्वेद में प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व "NATUROPATHY"

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आयुर्वेद में प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व * परिचय - आयुर्वेद के अनुसार किसी भी तरह के रोग होने के 3 कारण होते हैं-* *1. वात :- शरीर में गैस बनना।* *2. पित्त :- शरीर की गर्मी बढ़ना ।* *3. कफ :- शरीर में बलगम बनना।* *नोट:- किसी भी रोग के होने का कारण एक भी हो सकता है और दो भी हो सकता है या दोनों का मिश्रण भी हो सकता है या तीनों दोषों के कारण भी रोग हो सकता है।*   *1. वात होने का कारण* गलत भोजन, बेसन, मैदा, बारीक आटा तथा अधिक दालों का सेवन करने से शरीर में वात दोष उत्पन्न हो जाता है। दूषित भोजन, अधिक मांस का सेवन तथा बर्फ का सेवन करने के कारण वात दोष उत्पन्न हो जाता है। आलसी जीवन, सूर्यस्नान, तथा व्यायाम की कमी के कारण पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है जिसके कारण वात दोष उत्पन्न हो जाता है। इन सभी कारणों से पेट में कब्ज (गंदी वायु) बनने लगती है और यही वायु शरीर में जहां भी रुकती है, फंसती है या टकराती है, वहां दर्द होता है। यही दर्द वात दोष कहलाता है। *2. पित्त होने का कारण* पित्त दोष होने का कारण मूल रुप से गलत आहार है जैसे- चीनी, नमक तथा मिर्चमसाले का अधिक सेवन करना। नशीली चीज...

#पेट दर्द दूर करने के घरेलू उपाय #Home remedies for ABDOMINAL PAIN & HYPERACIDITY

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पेट दर्द में आराम देंगे ये घरेलू नुस्खे पेट में दर्द की परेशानी ऐसी होती है जिससे व्यक्ति न तो सुकून से बैठ पाता है और न ही कोई काम कर पाता है। दर्द के लिए कई बार लोग बार-बार दवाई लेते हैं जो हेल्थ के लिए अच्छी नहीं है। ऐसे में घरेलू उपचार ज्यादा बेहतर ऑप्शन होता है। तो यहाँ हम कुछ ऐसे घरेलू उपचार बताने जा रहें है जिससे आपको पेट के दर्द से राहत मिलेगी । पेट दर्द दूर करने के घरेलू उपाय मेथी दाना-  मेथी दाने को थोड़ा सा भून लें और फिर उसे पीसकर पाउडर बना लें। इसे गर्म पानी के साथ लें। ध्यान रहे कि मेथी दाना ज्यादा न सिके व पानी भी ज्यादा गर्म न हो। अनार -  अनार में कई गुणकारी तत्व होते हैं। अगर गैस के कारण पेट में दर्द है तो अनार के दानों को काले नमक के साथ लें, इससे आपको राहत महसूस होगी। किस किस बीमारी मे पुदीना है फायदेमंद! पुदीने के पत्ते को चबाएं या फिर 4 से 5 पत्तियों को एक कप पानी के साथ उबाल लें। पानी को गुनगुना होने दें और फिर सेवन करें। ऐलोवेरा जूस- गैस, कब्ज, डायरिया जैसे कारणों से होने वाले पेट दर्द में ऐलोवेरा जूस काफी राहत देता है। आधा क...

किस किस बीमारी में पुदीना है - फायदेमंद!! पुदीने के औषधीय गुण #BENEFITS OF MINT

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कई बार हम साधारण सी बीमारी में भी घबरा जाते हैं लेकिन अगर हमें थोड़ा भी घरेलू नुस्खों के बारे में पता हो तो आसानी से तुरंत इलाज किया जा सकता है।  हम लेकर आए हैं ऐसे ही कुछ खास लाजवाब सरल-सहज नुस्खे, जिन्हें अपना कर आप भी पा सकते हैं निरोगी काया : * हैजे में पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर- बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है। उल्टी-दस्त, हैजा हो तो आधा कप पुदीना का रस हर दो घंटे से रोगी को पिलाएं। * आंत्रकृमि में पुदीने का रस दें। * अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है। * पेटदर्द और अरुचि में 3 ग्राम पुदीने के रस में जीरा, हींग, कालीमिर्च, कुछ नमक डालकर गर्म करके पीने से लाभ होता है। * प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है। * बिच्छू या बर्रे के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है। * दस ग्राम पुदीना व बीस ग्राम गुड़ दो सौ ग्राम पानी में उबालकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है। * पुदीने को पानी में उबालकर थोड़ी चीनी मिलाकर उसे गर्म-गर...

Skin Allergy: Introduction, causes , symptoms & BEST Ayurvedic Remedies

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स्किन एलर्जी के जबरदस्त घरेलू नुस्खे बदलते मौसम में स्किन एलर्जी की समस्या होना आम है। मगर यह परेशानी जब व्यक्ति को एक बार चपेट में ले तो जल्दी पीछा छोड़ने का नाम नहीं लेती। दवाइयों का सेवन करने के बावजूद भी एलर्जी की समस्या बार-बार होती रहती है। प्रदूषण या खाने में मिलावट के कारण आजकल लोगों में एलर्जी की समस्या बढ़ रही है, जिसमें से स्किन एलर्जी भी एक है। स्किन एलर्जी होने के कारण त्वचा का लाल होना और खुजली जैसी परेशानी हो जाती है, जोकि धीरे-धीरे चर्म रोग का कारण भी बन सकती हैं। ऐसे में कुछ आसान से घरेलू नुस्खे अपनाकर स्किन एलर्जी की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है। स्किन एलर्जी के कारण मौसम में बदलाव धूल मिट्टी के कणों के कारण जानवरों को छूने के कारण दर्द निवारक दवाओं का सेवन टैटू का त्वचा पर बुरा प्रभाव किसी फूड के कारण ड्राई स्किन से त्वचा में एलर्जी किसी कीड़े मकोड़े का काटना स्किन एलर्जी के लक्षण त्वचा पर लाल धब्बे पड़ना खुजली होना फुंसी-दाने हो जाना रैशेज या क्रैक पड़ना जलन होना त्वचा में खिंचाव पैदा होना छाले या पित्त होना स्किन...