हिचकी रोग चिकित्सा ( Treatment of hiccups )

*🌼🙏🏻🌼हिक्कारोग चिकित्सा🌼🙏🏻🌼*

       *-: हिक्का ( हिचकी ) रोग चिकित्सा :-*
✍🏻!! यह रोग विशेष कर रूखी तथा भारी, वात कारक, गरम तथा बासी वस्तु का भक्षण करना ! मुख तथा नाक में धूल, धुऑ आदि का आ जाना ! अधिक परिश्रम, मार्ग गमन, तथा मल मूत्रादिकों के वेग को रोकने से होता है ! इस रोग के आरम्भ में कण्ठ तथा हृदय भारी होता है ! मुख कषैला जान पड़ता है ! कोंख में अफारा होने लगता है ! बस इन लक्षणों से जान लेना चाहिए कि हिक्का ( हिचकी ) रोग की सवारी आने वाली है ! इस रोग की बहुत सी औषधियों का वर्णन आयुर्वेद शास्त्रों में मिलता है ! जिनमें से कुछ मुख्य मुख्य सरल व सुगम औषधियों का वर्णन हम यहां पर कर रहें हैं ! जिन्हे पाठक गण आसानी से प्रयोग कर हिचकी रोग से मुक्ति पा सकेंगे !!

     *-: हिचकी रोग की सुगम चिकित्सा :-*

*१ :-* गरम दूध पीने से हिचकी बन्द होती है !!

*२ :-* केवल उड़दों को चिलम में धर कर पीने से लाभ होता है !!

*३ :-* पुदीना को बूरा के साथ चाबने से हिचकी बन्द होती है !!

*४ :-* जीरे को सिरके में औटाकर पिलाने से तृषा और हिचकी मिटती है !!

*५ :-* गन्ने का रस पीने से हिचकी मिटती है !!

*६ :-* जिसको भोजन के समय हिचकी चलती हो उसको अजमोद चूस चूस कर रस निगलना चाहिए !!

*७ :-* नारियल की दाढ़ी की भस्म पानी में घोलकर पीने से हिचकी मिटती है !!

*८ :-* दालचीनी के सेवन से हिचकी मिटती है !!

*९ :-* सोंठ और नीमगिलो़य के चूर्ण को सूंघने से हिचकी मिटती है !!

*१० :-* कुछ गरम गरम घी पीने से हिचकी बन्द होती है !!

*११ :-* चने की भूसी को तम्बाकू की भॉति चिलम में धर कर पीना चाहिए !!

*१२ :-* चन्दन और धनियॉ को सूंघने से हिचकी बन्द होती है !!

*१३ :-* लाल चन्दन को सेंधा नमक के व स्त्री के दूध में घिसकर नस्य देने से हिचकी मिटती है !!

*१४ :-* सोंठ और पीपल के चूर्ण को मधु के साथ चाटने से हिचकी मिटती है !!

*१५ :-* मुलैठी के चूर्ण को मधु के साथ चाटने से हिचकी बन्द होती है !!

*१६ :-* लाख को पीस दूध के साथ नस्य देने से हिचकी रोग मिटता है !!

*१७ :-* सोंठ तथा हरड़ के कल्क को सिद्ध कर ऊपर से गरम पानी पिलाने से हिचकी बन्द होती है !!

*१८ :-* दो मासे हींग और चार नग बादाम की मिंगी को पीसकर पिलाने से हिचकी मिटती है !!

*१९ :-* काकड़ा सिंगी, त्रिफला, त्रिकुटा, भटकटैया, भारङ्गी, पोहकर मूल, पांचों नमक, समान भाग लेकर चूर्ण कर लें ! इस चूर्ण को गरम जल के साथ पीने से हिचकी, श्वांस, खॉशी, डकार आदि रोग दूर होते हैं !! 

*२० :-* कुल्थी, दसमूल, भारङ्गी, प्रत्येक ५ सेर, जल ३८ सेर ३२ तोला, मिलाकर पकाना चाहिए ! चौथाई जल शेष रहने पर उतार कर छान लें व इसमें ढाई सेर गुड़ मिलाकर अवलेह सा बना लें ! अवलेह सिद्ध होने पर शहद ३० तोला, बंशलोचन २४ तोला, छोटी पीपल ८ तोला, व दालचीनी, तेजपात, इलायची प्रत्येक ८ तोला मिलाकर अपनी पाचन शक्ति के अनुसार सेवन करना चाहिए ! इससे हिचकी, श्वांस, खॉशी आदि रोग नाश हो जाते हैं !!




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