Migraine - permanent cure in Ayurveda!! Intro, causes, mechanism of action, signs and symptoms, best ayurvedial remedies. "माइग्रेन के रामबाण आयुर्वेदिक उपचार" Ways to treat migraine naturally!!
माइग्रेन परिचय
माइग्रेन सर में होने वाले सबसे तेज दर्दों में से एक है। इसकी वजह से सर और कान के पीछे के हिस्से में असहनीय दर्द का अनुभव होता है।
इस भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में ज्यादातर लोगों को सिर दर्द की शिकायत रहती है। यह परेशानी बार-बार होने पर माइग्रेन का रूप ले लेती है। माइग्रेन के कारण सिर के एक हिस्से में असहनीय तेज दर्द होने लगता है। कई बार तो यह दर्द मिनटों में ठीक हो जाता है तो कई बार यह दर्द घंटों तक बना रहता है। जैसे ही आप सामान्य स्थिति से एकदम तनाव भरे माहौल में पहुंचते हैं तो आपका सिरदर्द और ब्लडप्रैशर हाई हो जाता है। ऐसा होने पर आप समझ जाएं कि आप माइग्रेन का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अपनी मर्जी से कोई भी पेन किलर लेने के बजाएं डॉक्टरी डांच करवाएं। नहीं तो आप कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर भी माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।
Mechanism of action
माइग्रेन एक प्रकार का न्यूरोवेस्कुलर विकार (Neurovascular Disorder) है जिसमें सिर में रूक-रूक कर दर्द होता है। हालांकि माइग्रेन के समय मस्तिष्क की सटीक क्रियाविधि (The Exact Mechanism) की जानकारी नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है की माइग्रेन के समय दिमाग में रक्त का संचार बढ़ जाता है जिससे व्यक्ति को तेज सिरदर्द होने लगता है।
•माइग्रेन सेरेब्रल कॉर्टेक्स (Cerebral Cortex) की बढ़ी हुई उत्तेजना तथा ब्रेनस्टेम (Brainstem) के ट्राइगेमिनल न्यूक्लियस (Trigeminal Nucleus) में दर्द के न्यूरॉन्स (Pain Neurons) के असामान्य नियंत्रण से संबंधित है।
कहां होता है माइग्रेन दर्द (Migraine Pain Location)
•माइग्रेन का दर्द आमतौर पर सिर के एक सिरे से, या कभी-कभी बीचों बीच से या पीछे की तरफ से उठता है और इसकी प्रकृति धुकधुकी जैसी होती है जो 2 से लेकर 72 घंटों तक बना रहता है। कभी यह रह-रहकर कई हफ्तों या महीनों तक, या फिर सालों तक खास अंतराल में उठता है। कई बार एक ही समय में यह बार-बार हथौड़ों की लगातार चोट का एहसास कराता है।
•महिलाओं में माईग्रेन की समस्या, पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा होती है। माइग्रेन आम तौर पर गर्भावस्था के दौरान और रजोनिवृत्ति के बाद नहीं होता है। माइग्रेन का अटैक किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन ज्यादातर इसकी शुरूआत किशोर उम्र से होती है।
•माइग्रेन का हमला अचानक होता है। कई बार यह शुरू में हल्का होता है, लेकिन धीरे-धीरे बहुत तेज दर्द में तब्दील हो जाता है।
•माइग्रेन के ज्यादातर मरीज वे होते हैं, जिनके परिवार में ऐसा इतिहास रहा है। ज्यादातर लोगों को माइग्रेन का पता तब चलता है, जब वे कई साल तक इस तकलीफ को झेलने के बाद इसके लक्षणों से वाकिफ हो जाते हैं।
माइग्रेन के कारण
• तनाव के कारण माइग्रेन का दर्द सबसे ज्यादा होता है।
• जो लोग दिन - रात काम में लगे रहते है या पढ़ते रहते है, उन्हें माइग्रेन की समस्या सबसे ज्यादा होती है।
• तेज धूप या ठंडी हवा में भी माइग्रेन का दर्द उठता है।
• माइग्रेन का दर्द, तापमान बढ़ने, अधिक नमी वाले स्थानों पर ज्यादा जल्दी होता है।
• हाल ही में हुए कई अध्ययनों में पता चला है कि जो लोग कैफीन की ज्यादा मात्रा लेते है उन्हें भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
• लम्बे समय तक तेज म्यूजिक सुनने से भी माइग्रेन का अटैक पड़ जाता है जिससे उठने वाला दर्द 72 घंटे तक होता है।
• रिएक्टिव हाइपोग्लाइसीमिया (Reactive Hypoglycemia) से भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
एक दिन में नौ घंटे से ज्यादा नींद लेने पर भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
• घंटों तक खाली पेट रहने
• हाई ब्लड प्रैशर
•नींद पूरी न होना
•मौसम में बदलाव के कारण
•दर्द निवारक दवाईयों का अधिक सेवन
• माइग्रेन के लक्षण
•भूख कम लगना
• पसीना अधिक आना
•कमजोरी मसूस होना
• आंखों में दर्द या धुंधला दिखाई देना
•पूरे या आधे सिर में तेज दर्द
• तेज आवाज या रोशनी से घबराहट
• उल्टी आना या जी मचलाना
• किसी काम में मन न लगना
लक्षण :
• अगर आपका वजन, बगैर कोशिश किये हुये, पिछले 2 महीनों में, 5 किलोग्राम से अधिक घट गया है
• अगर सिर में दर्द होता है और बार-बार पेशाब आता है तो समझ लें कि आप माईग्रेन से पीडि़त हैं।
• ऐसा भी पाया गया है कि जब माईग्रेन का दर्द होता है तो व्यक्ति को चॉकलेट खाने की प्रबल इच्छा होती है, उसे लगता है कि चॉकलेट खाकर उसके सिर का दर्द ठीक हो जाएगा।
• दिन भर बेवजह जम्हाई आना भी माईग्रेन का लक्षण है।
• फोटोफोबिया (प्रकाश के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता),
• फोनोफोबिया (ध्वनि के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता),
• माइग्रेन सिरदर्द से पीड़ित एक तिहाई लोगों को ऑरा (Aura) के माध्यम से इसका पूर्वाभास हो जाता है, ऑरा किसी भी वस्तु या व्यक्ति के आसपास उसी आकार में रोशनी का दिखना, माईग्रेन का सबसे पहला लक्षण होता है। ऐसा अहसास दर्द के दौरान 5 मिनट से 1 घंटे तक रहता है।
• माइग्रेन से ग्रस्त हैं लोगों में साइनस के लक्षण भी नजर आते हैं। भयंकर सिरदर्द के साथ आंखों से पानी निकलेगा या नाक जाम होगी
• माईग्रेन का दर्द होने पर नींद सही से नहीं आती है। थकान महसूस होती है पर नींद नहीं आती।
• माईग्रेन के दौरान पीड़ित की भावनाएं बहुत तेजी से बदलती हैं। वह कभी ज्यादा उग्र और कभी ज्यादा शांत हो जाते है।
• माईग्रेन में दर्द के दौरान आंखों में भी भयानक दर्द होता है। पलकें झपकाने में भी भयानक जलन होती है।
• सरदर्द के साथ मितली, उल्टी आना,
• सिर में एक साइड ही दर्द शुरू होता है।
• सिर में दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि गर्दन भी दुखने लगती है।
माइग्रेन के घरेलू नुस्खे( Home made Remedies)
देसी घी- माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए रोजाना शुद्ध देसी घी की 2-2 बूंदे नाक में डालें। इससे आपको माइग्रेन दर्द से राहत मिलेगी।
सेब- रोज सुबह खाली पेट सेब का सेवन करें। माइग्रेन से छुटकारा पाने के लिए यह काफी असरदार तरीका है।
पालक और गाजर का जूस- माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए पालक और गाजर का जूस पीएं। इससे आपका दर्द मिनटों में गायब हो जाएगा।
खीरा- खीरे की स्लाइस को सिर पर रगड़े या फिर इसे सूंघे। इससे आपको माइग्रेन के दर्द से आराम मिलेगा।
लौंग पाउडर- अगर सिर में ज्यादा दर्द हो रहा है तो तुरंत लौंग पाउडर और नमक मिलाकर दूध के साथ मिलाकर पिएं। ऐसा करने से सिर का दर्द झट से गायब हो जाएगा।
नींबू का छिलका- नींबू के छिलके को धूप में सूखाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को माथे पर लगाने से आपको माइग्रेन के दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।
माइग्रेन के लिए योग- माइग्रेन के दर्द से छुटाकारा पाने के लिए आप रोजाना योग और व्यायाम करें। नियमित रूप और सही तरीके से योग करने पर भी आपकी माइग्रेन की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। माइग्रेन की समस्या में आप अनुलोम-विलोम प्रायाणाम, अधो मुखा सवनआसन, जानु सिरसासन, शिशुआसन और सेतुबंधा आसन कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार :
माइग्रेन भी एक तरह का सिर दर्द है जो कि सिर के किसी एक हिस्से में बहुत तेजी से होता है। व्यक्ति को सिर दर्द होने पर कई बार उल्टी करने जैसा भी महसूस होता है। इस तरह के सिर दर्द में आंखे लाल हो जाती हैं कई बार सूज भी जाती हैं। लेकिन चिंता की बात नहीं है क्योंकि माइग्रेन के लिए बहुत से घरेलू नुस्खे मौजूद हैं जो कि माइग्रेन से दर्द से राहत देने में कारगर हैं। आइए जानते हैं एसे ही घरेलू उत्पादों और उनके प्रभावों के बारे में-
•लैवेंडर ऑयल (Lavender Oil)
लैवेंडर ऑयल सामान्य सिर दर्द और माइग्रेन दर्द के लिए एक उपयोगी घरेलू उपाय है। लैवेंडर तेल की खुशबू माइग्रेन में बेहद प्रभावी होती है। गर्म पानी में कुछ बूंदे लैवेंडर ऑयल की डालकर उसे सूंघने से बेहद आराम मिलता है। लैवेंडर ऑयल का प्रयोग कभी भी मौखिक रूप से नहीं करना चाहिए।
•पेपरमिंट तेल (Peppermint Oil)
पुदीना सिर के तनाव को कम करने में माहिर औषधि है। इसके तेल की तेज महक शरीर में रक्त प्रवाह को नियंत्रित करती है। माइग्रेन या सामान्य सिर दर्द भी अक्सर रक्त प्रवााह के कम होने से होता है ऐसे में पेपरमिंट ऑयल रक्त प्रवाह को कम करके सिर दर्द को ठीक करता है। इस तेल की हल्की मात्रा डायरेक्ट माथे पर लगा सकते हैं। ज्यादा न लगाएं अन्यथा जलन भी महसूस हो सकती है।
•तुलसी का तेल (Basil or Tulsi)
तुलसी के प्राकृतिक गुणों को सभी जानते हैं लकिन आपको बता दें कि तुलसी माइग्रेन में भी बेहद प्रभावी है। तुलसी का तेल का इस्तेमाल माइग्रेन के दर्द में काफी आराम देता है। तुलसी का तेल मांसपेशियों को आराम देता है जिससे सिर का तनाव कम होता है और दर्द से राहत मिलती है।
•फिक्स आहार (Dedicated Diet)
सिर दर्द को कम करने और माइग्रेन के दर्द से राहत के लिए अपने आहार में कुछ करने होंगे। माइग्रेन के दर्द से प्रभावित लोगों को साधारण मक्खन की जगह पीनट बटर यानि मूंगफली से बना मक्खन इस्तेमाल करना चाहिए। एवोकैडो, केला और खट्टे फल आदि का इस्तेमाल करना चाहिए।
•सिर की मालिश (Oil Massage)
सिर के दर्द को कम करने के लिए मालिश भी एक बहुत प्रभावी तरीका है। एक्सपर्ट्स की मानें तो सिर के पीछे के हिस्से की मालिश करने से माइग्रेन से बहुत राहत मिलती है। इसके साथ ही हाथ पैरों की मालिश भी की जानी चाहिए। मालिश करने से भी रक्त संचार तेज होता है।
•अदरक (Ginger)
अदरक सिरदर्द दौरान जी मिचलाने और उल्टी की अनुभूति होने वाले लक्षणों से राहत देता है।इसके साथ ही अदरक से सूजन और दर्द भी कम होते हैं। अदरक में मौजूद एंटी फ्लेमेबल गुण पेरशानी पैदा करने वाले लक्षणों को रोकते हैं। अदरक के छोटे से टुकड़े को धोकर, छीलकर उसे पानी में उबालकर, ठंडज्ञ कर लें। इस पानी में शहद और नींबू की कुछ बूंदें मिलाकर पीने से बेहद लाभ मिलता है।
•कॉफ़ी (Coffee)
कई लोगों को तेज माइग्रेन के दर्द में कॉफी पीने से भी तुरंत राहत हो जाती है। कॉफी में मौजूद कैफीन माइग्रेन टिृगर की तरह काम करता है और एडेनोसाइन के प्रभाव को कम कर देता है। हालांकि बहुत ज्यादा कैफीनयुक्त पदार्थ भी सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं लेकिन एक कप कॉफी आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाती है।
•धनिया (Coriander or Dhania)
धनिया खाने को पचाने और स्वादिष्ट बनाने के लिए बेहरीन मसाले के रूप में जाना जाता है, लेकिन प्राचीन काल से धनिये का प्रयोग माइग्रेन और सिर दर्द की दवा के रूप में भी किया जाता है। माइग्रेन में धनिया के बीजों से तैयार की गई चाय बेह लाभकारी होती है। धनिया के कुछ बीजों को गर्म पानी में 10 मिनट उबालें, उसके बाद इसमें स्वादानुसार चीनी मिलाकर पिएं। धनिया वाली चाय माइग्रेन के दर्द के साथ-साथ सामान्य सिर दर्द में भी लाभकारी है।
Very very informative , and very well written
ReplyDeleteThnks
DeleteGreat👏👏👏
ReplyDeleteNice👍👍😇
ReplyDeleteAmazing👍
ReplyDeleteNice👍
ReplyDeleteIt's very good information, plz send more
ReplyDeleteThnku so much.... Sure.
DeleteGood👌
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ReplyDeleteThanku so much for sharing this ..
ReplyDeleteVery good description...thanks for sharing
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ReplyDeleteGood info doc shb
ReplyDeleteVery nyc.. Plz share more
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeletethnku docshb for sharing
ReplyDeleteGreat
ReplyDeleteVery well described
ReplyDeleteNice info
ReplyDeleteNicely explained the concept
ReplyDeleteThank u
God bless you. Stay blessed
ReplyDeleteWell done✨✨
ReplyDeleteSo informative 💯💯👍🏻
ReplyDeleteThanks for sharing
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