Anemia : An Ayurvedic perspective & Home Remedies "खून की कमी को कैसे दूर करे!!" "Treatment of anemia (sickle cell anemia, thalassemia, iron deficiency anemia, megaloblastic anemia) naturally, ayurvedically & permanently "
परिचय
खून में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन की कमी हो जाने को एनीमिया अर्थात रक्ताल्पता का रोग कहा जाता है। आयरन हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं ही शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है क्योंकि हीमोग्लोबिन ही फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है।
एनीमिया (Anemia) कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई बीमारियों की वजह जरूर बन सकता है। जीवनशैली के साथ आहार संबंधी आदतों में होने वाला बदलाव इस समस्या के मुख्य कारण के रूप में सामने आ रहा है। बढ़ते बच्चों, स्तनपान कराने वाली महिलाओं व बीमार व्यक्तियों में एनीमिया का खतरा ज्यादा होता है। विश्व की लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं, और हमारे देश की लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।
कारण :
• किडनी कैंसर: किडनी से इरायथ्रोपोयॅटीन (Erythropoietin) नाम के हारमोन का उत्पादन होता है जो अस्थिमज्जा (Bone Marrow) को रेड-ब्लड सेल के निर्माण में मदद करता है, जिन लोगों को किडनी का कैंसर होता है उनके शरीर मेँ इरायथ्रोपोयॅटीन (Erythropoietin) हारमोन का निर्माण नहीं होता है और इसकी वजह से रेड-ब्लड सेल्स का बनना भी कम हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को एनीमिया हो जाता है ।
• हीमोग्लोबिन के जीन में बदलाव: इस प्रकार के एनीमिया को सीकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia) कहते हैं । असामान्य हीमोग्लोबिन के कारण रेड ब्लड सेल्स सीकल यानी हंसिये के आकार के हो जाते हैं, सीकल सेल एनीमिया के कई प्रकार होते हैं जिनका असर अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग तरीके से होता है।
थैलैसीमीया: थैलैसीमीया आनुवांशिक एनीमिया होता है,इस प्रकार के एनीमिया में हीमोग्लोबिन अपेक्षित मात्रा में बनने के बजाय कम या ज्यादा बनने लगता है।
• विटामीन बी-12 की कमी: शरीर में विटामीन बी-12 की कमी से परनीसीयस एनीमिया होने की संभावना होती है। परनीसीयस एनीमिया ज़्यादातर शुद्ध शाकाहारी व्यक्तियों को और लंबे व़क्त से शराब का सेवन करने वालों को होता है।
• रक्तस्राव से होने वाला एनीमिया: माहवारी के दिनों में अत्यधिक स्राव, किसी चोट या घाव से स्राव, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अल्सर, कोलन कैंसर इत्यादि में धीरे-धीरे ख़ून लगातार रिसने से एनीमिया हो सकता है।
• लंबे समय से बीमार होने पर: किसी भी प्रकार की दीर्घकालिक बीमारी से एनीमिया हो सकता है।
लक्षण :
• आंखें पीली हो जाना
• कमजोरी और थकावट महसूस होना
• चक्कर आना
• छाती में दर्द होना एवं सीने में ऐठन होना
• त्वचा व नाखूनों का पीला होना
• लेट के उठने पर आँखों के सामने अन्धेरा छा जाना
• सांस फूलना
• सिर दर्द रहना
• हाथों और पैरों का ठंडा होना
• हृदय की धड़कन तेज या असामान्य होना
आयुर्वेदिक उपचार :
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय*
अमरूद- अमरूद जितना ज्यादा पका हुआ होगा, उतना ही पौष्टिक होगा। पके अमरूद को खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती। इसलिए महिलाओं के लिए यह और भी लाभदायक हो जाता है।
आम- आम खाने से हमारे शरीर में रक्ति अधिक मात्रा में बनता है, एनीमिया में यह लाभकारी होता है।
सेब- सेब एनीमिया जैसी बीमारी में लाभकारी होता है। सेब खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन बनता है।
पालक (Spinach)
पालक में भरपूर लौह तथा विटामिन बी 12 होता है। इसके साथ ही पालक फोलिक एसिड (Folic Acid) का भी उच्च स्त्रोत है। ऐसे में पालक खाने से खून की कमी पूरी होती है। उपचार के लिए पालक का सूप बनाकर, या पालक का साग आदि को अपने रोज के खाने में शामिल करना चाहिए।
अनार (Pomegranate)
अनार शरीर में हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) को बहुत तेजी से बढ़ाता है। अनार में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होती है। इसमें आयरन और कैल्शियम भी होता है। यह खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर रक्त संचार को ठीक रखता है। एनीमिया के उपचार के लिए सुबह खाली पेट अनार खाएं और रोजाना अनार का जूस पीएं।
टमाटर (Tomato)
शरीर के लिए बहुत ज्यादा आयरन की मात्रा लेने के साथ ही यह भी जरूरी है कि आयरन को आपका शरीर सोखे। इसमें टमाटर अहम भूमिका निभाता है। रोजाना एक से दो कच्चे टमाटर जरूर खाएं। एक गिलास टमाटर का रस भी रोज पीएं और खाना बनाने और सलाद में भी टमाटर का भरपूर उपयोग करें।
तुलसी- तुलसी रक्त की कमी को कम करने के लिए रामबाण है। तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
सब्जियां- शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। हरी सब्जियों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले तत्व ज्यादा मात्रा में पाये जाते है।
खजूर (Dates)
खजूर भी आयरन बहुत अच्छा स्त्रोत है। सौ ग्राम खजूर में 90 मिलीग्राम आयरन की मात्रा होती है। दो खजूर को एक कप दूध में रात भर के लिए छोड़ दें। इन खजूर को सुबह खाली पेट चबा चबाकर खाएं। बचे हुए दूध को भी पी लें। खजूर को गरम पानी में दो या तीन घंटों के लिए भिगाकर उस पानी को पीना भी फायदेमंद होता है। जिन लोगों को लेक्टोज (lectose) से एलर्जी है और दूध नहीं ले सकते, उनके लिए यह बेहतर तरीका है।
किशमिश (Kishmish)
किशमिश भी एनीमिया की बेहद अच्छी घरेलू दवा है। किशमिश में आयरन, प्रोटीन, फाइबर, सोडियम जैसे उच्च पोषक तत्व होते हैं। उपचार के लिए एक कप पानी में 10 से 15 किशमिश रातभर के लिए भिगा दें। सुबह इन किशमिश को शहद मिलाकर खा लें और बचे हुए पानी को पी लें।
शरीर में खून बढ़ाए-
किशमिश के सेवन से आप अनीमिया से बचे रहते हैं क्योंकि किशमिश आयरन का बेहतरीन स्रोत होता है। साथ ही इसमें विटामिन बी काम्प्लेक्स भी बहुतायत में पाया जाता है। ये सभी तत्व रक्त फॉर्मेशन में उपयोगी हैं।
किशमिश पाचन तंत्र में बेहद फायदेमंद है। मिनरल्स की मात्रा काफी होती है। यह हड्डियों के लिए काफी अच्छा होता है। दिनभर में 10-12 किशमिश ली जा सकती हैं। एक बात हमेशा ध्यान रखें कि भीगी हुई किशमिश में कैलरी की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि इसे ज्यादा मात्रा में न लें। इसे नियमित अपने आहार में शामिल करने से डाइजेशन में आराम मिलता है। असल में यह फाइबर से भरपूर होता है।
शहद (Honey)
शहद भी लौह और विटामिन बी 12 का उच्च स्त्रोत है। शहद को रोजाना खाने से भी शरीर में एनीमिया की कमी पूरी होती है। शहद को फलों में मिलाकर, दूध में डालकर या चीनी की जगह शहद इस्तेमाल करके भी रक्त की कमी पूरी की जा सकती है।
अंगूर
ब्लड की कमी को दूर करने के लिए एक गिलास अंगूर के जूस में 2 चम्मच शहद मिलकार पीने से खून की कमी दूर हो जाती है। यह हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाता है।
आडू
अगर आपको खून की कमी यानी आप एनीमिया से जूझ रहे है, तो अपनी डाइट में आडू को शामिल करें। क्योंकि इसमें आयरन भरपूर मात्रा में होता हैं ,जो शरीर में रेड ब्लड सेल्स की मात्रा बढ़कर एनीमिया से राहत दिलाने में मदद करता हैं।
एनीमिया की शिकायत है तो खाएं चुकंदर: एनीमिया की बीमारी को दूर करने के लिए चुकंदर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा लाभदायक है। चुकंदर में पर्याप्त मात्रा में आयरन, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो खून को बढ़ाने और उसे साफ करने का काम करते हैं। महिलाओं को खून की कमी ज्यादा होती है। इसलिए महिलाओं को डाइट में चुकंदर जरुर लेना चाहिए।
चुकन्दर- चुकन्दर से प्राप्त उच्च गुणवत्ता का लोह तत्व रक्त में हीमोग्लोबिन का निर्माण व लाल रक्तकणों की सक्रियता के लिए बेहद प्रभावशाली है। खून की कमी यानी एनीमिया की शिकार महिलाओं के लिए चुकंदर रामबाण के समान है। चुकन्दर के अलावा चुकन्दर की हरी पत्तियों का सेवन भी बेहद लाभदायी है। इन पत्तियों में तीन गुना लौह तत्व अधिक होता है।
खून की कमी दूर करे: पत्ता गोभी
जो लोग खून की कमी से परेशान रहते हैं, उन्हें विशेषकर नियमित रूप से पत्ता गोभी का सलाद का सेवन जरूर करना चाहिए। पत्तागोभी में फोलिक एसिड होता है, जो खून की कमी को दूर करने में मददगार होता है। फोलिक एसिड शरीर में नए ब्लड सेल्स का निर्माण कर खून की कमी दूर करता है।
एनीमिया को दूर भगाएं- तिल के बीज
खून की कमी के कारण कमजोरी, सिर में दर्द, चक्कर आने जैसे समस्या बनी रहती है। लेकिन काले तिल के उपयोग से हम शरीर में एनीमिया को दूर कर सकते है। काले तिल के बीज में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अत्यधिक कमजोर व एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति इसके उपयोग से जल्दी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते है।
खून की कमी दूर करना हो, तो इस मौसम में खाएं गुड़ और चना
खाली समय में गुड़ और चने जैसा स्वाद का कांबिनेशन और कहीं नहीं मिलता। कई बार कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए भी लोग गुड़ और चने खाना पसंद करते हैं। लेकिन इन सभी के अलावा एनीमिया से बचने में भी गुड़ और चना बेहद फायदेमंद है।रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाला रोग एनीमिया अधिकांशत: महिलाओं में देखने को मिलता है। खास तौर से आयरन की कमी के कारण यह समस्या सामने आती है, जिसमें थकान और कमजोरी महसूस होना आम बात है। ऐसे में महिलाओं को अपनी डाइट में आयरन से भरपूर चीजें लेने की सलाह दी जाती है, ताकि हीमोग्लोबिन का स्तर कम न हो।गुड़ और चना आयरन से भरपूर होता है, और यही कारण है कि एनीमिया से बचने के लिए यह बेहद मददगार साबित होता है। गुड़ में उच्च मात्रा में आयरन होता है, और इसमें सामान्य शर्करा भी पाई जाती है। इसे अलावा भुने हुए चने में आयरन के साथ-साथ प्रोटीन भी सही मात्रा में पाया जाता है।
बचाव :
• एनीमिया ज्यादातर पौष्टिक आहार लेने से ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ प्रकार के एनीमिया में अलग-अलग तरह से उपचार कराने पड़ते हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है डॉक्टरी परामर्श।
• खून की कमी दूर करने के लिए सबसे पहले खाने में हरी सब्जियां (पालक, मेथी), फल व सलाद की मात्रा बढ़ानी चाहिए।
• सूखे मेवे जैसे खजूर, बादाम और किशमिश का खूब प्रयोग करना चाहिए। इसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है।
• फल जैसे खजूर, तरबूज, सेब, अंगूर, किशमिश और अनार खाने से खून बढ़ता है। अनार खाना एनीमिया (Fruits in Anemia) में काफी फायदा करता है।
• आयरन की गोलियां या आयरन सुक्रोच के इंजेक्शन, विटामिन बी-12 की गोली या इंजेक्शन डॉक्टरी सलाह से लें।
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