Ayurvedic Treatment of Joint pain : Arthritis "जोड़ों में दर्द का परिचय, लक्षण, कारण, परहेज, घुटने के दर्द में चमत्कारिक उपचार, आहार सेवन, लाभदायक आसन", " Ayurvedic Home Remedies "
घुटने में दर्द का परिचय
शरीर के ऐसे हिस्से जहां हड्डियां मिलती हों, जोड़ कहलाते हैं, जैसे घुटने (knee), कंधे (shoulder), कोहनी (elbow), टखना (ankle) आदि। शरीर के इन जोड़ों कि सहायता से हम दिनभर में अनेक शारीरिक कार्य करतें हैं।
इन्हीं जोड़ों में कठोरता (stiffness), सूजन (swelling), किसी तरह की तकलीफ जो दर्द का कारण बने, जोड़ों में दर्द कहलाती है। शरीर के इन जोड़ों में आयु बढ़ने के साथ या चोट आदि लगने से रक्त संचार कम हो जाता है
जिससे इन जोड़ों में दर्द होने लगता है।जोड़ों का दर्द जिसे मेडिकल की भाषा में आर्थराइटिस भी कहा जाता है। जोड़ों में दर्द होना आर्थराइटिस के प्रारम्भिक लक्षण होते हैं हालांकि जोड़ो में दर्द का कारण कई अन्य बीमारियाँ भी हो सकती हैं। जोड़ों का दर्द चलें फिरने पे और भी अधिक बढ़ जाता है
ऐसे कामों में जिनमे जोड़ो को मुड़ना पड़ता है, वे सारे काम दर्द को बढ़ाते हैं। जोड़ों का दर्द (Joint Pain) शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है, घुटने, कंधे या कमर। कई बार गठिया जोड़ों के दर्द का कारण होता है जो कई बार तनाव लेने, प्रभावित हिस्सों पर ज्यादा दबाव पड़ने, मोच आने या किसी अन्य प्रकार की चोट लगने के कारण भी ऐसा हो सकता है।
घरेलू चिकित्सा द्वारा जोड़ों के दर्द को काफ़ी हद तक दूर किया जा सकता है और अगर नियमित रूप से इन्हें अपनाया जाए तो इस दर्द को दूर भी किया जा सकता है।
घुटने हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। घुटनों पर ही शरीर का सारा भार टिका रहता है अत: कहा जाए तो हमें घुटनों की देखभाल अच्छी तरह से करनी चाहिए।
घुटना शरीर का भार सहता है, उसे सपोर्ट करता है और चलायमान बनाता है| लेकिन घुटनों में विकार आने पर रोजमर्रा के काम करने में कठिनाई महसूस होने लगती है| जीवन में कभी न कभी घुटनों के दर्द की समस्या से सभी स्त्री-पुरुषों को रूबरू होना ही पड़ता है| कुछ लोग जवानी में ही इस दर्द की चपेट में आ जाते हैं और बुढापा तो घुटनों की पीड़ा के लिए खास तौर पर जाना जाता है|
हमने कई बार अपने बड़े बुजर्गो को घुटनों के दर्द से तडपते हुए देखा है | दिन रात दवाई खाने से भी उन्हें कोई आराम नही मिलता है। चलने फिरने में बहुत परेशानी होती है और साथ ही घुटनों को मोड़ने में, उठने – बैठने में भी दिक्कत आती है | कभी कभी उन्हें इतना ज्यादा दर्द होता की वो ठीक ढंग से सो भी नहीं पाते और उनके घुटनों में सुजन तक भी आ जाती है | उम्र के साथ हड्डियों की बीमारी बढती जाती है |
जोड़ों में दर्द के लक्षण
1. जोड़ों को मोड़ने में परेशानी होना
2. जोड़ों का लाल होना
3. जोड़ों में खिंचाव महसूस होना
4. जोड़ों पर कठोरता होना
5. चलने- फिरने में दिक्कत होना
6. जोड़ों में अकड़न आना
7. जोड़ों में सूजन और दर्द
8. जोड़ों में कमजोरी होना।
घुटनों में दर्द का कारण
कोई भी रोग बिना किसी कारण के नहीं होता है। जब कोई मनुष्य प्रकृति के नियमों के साथ छेड़छाड़ करता है तो उसे कोई न कोई रोग हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति के खान-पान का तरीका गलत हो, धूम्रपान और मदिरापान जैसी नशीली चीजों का सेवन करता है, अपनी जरूरत से ज्यादा काम करता है, तब उसके शरीर में कई रोग हो जाते हैं। अधिक सुख-सुविधा का जीवन जीने या अत्यधिक तैलीय पदार्थों के सेवन आदि से शरीर में वात तथा रक्त में विकृति बढ़ती ही जाती है जिसके कारण घुटने में दर्द होने लगता है। घुटने का दर्द अधिकतर उन व्यक्तियों को होता है जो अधिक मोटे तथा आलसी होते हैं। इन व्यक्तियों के शरीर का वजन बढ़ने से घुटने के पास की हड्डी के जोड़ों पर वजन अधिक बढ़ जाता है जिससे जोड़ों का रोग हो जाता है। घुटने का दर्द और भी कई कारणों से होता हैं जो इस प्रकार हैं-गलत खान-पान के तरीके के कारण शरीर के खून में खटास का बढ़ना, शरीर में क्षारत्व का कम होना, अपच होना तथा अजीर्ण रोग हो जाना आदि।
जब शरीर के किसी भाग में दर्द होता है तो इसका अर्थ यह होता है कि शरीर के उस भाग में कार्बन डाइऑक्साइड, पानी तथा अन्य जहरीले पदार्थ और वायु जमा हो गई है।
घुटनों के अंदरूनी या मध्य भाग में दर्द छोटी मोटी चोंटों या आर्थराईटीज के कारण हो सकता है| लेकिन घुटनों के पीछे का दर्द उस जगह द्रव संचय होने से होता है इसे बेकर्स सिस्ट कहते हैं| सीढ़ियों से नीचे उतरते वक्त अगर घुटनों में दर्द होता है तो इसे नी केप समस्या जाननी चाहिए | यह लक्षण कोंट्रोमलेशिया का भी हो सकता है| सुबह के वक्त उठने पर अगर आपके घुटनों में दर्द होता है तो इसे आर्थराई टीज की शुरू आत समझनी चाहिएचलने फिरने से यह दर्द धीरे-धीरे कम हो जाता है| बिना किसी चोंट या जख्म के अगर घुटनों में सूजन दिखे तो यह ओस्टियो आर्थ रा ईटीज,गाऊट अथवा जोड़ों का संक्रमण की वजह से होता है|
- उम्र बढ़ने के साथ
- हड्डियों में रक्त की आपूर्ति में रूकावट आना
- रक्त का कैंसर होना
- हड्डियों में मिनरल यानि की खनिज की कमी होना
- जोड़ों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ना
- जोड़ों में इंफेक्शन होना
- हड्डियों का टूटना
- मोच आना या चोट लगना
- हड्डियों में ट्यूमर आदि की शिकायत होना
- अर्थराइटिस
- बर्साइटिस
- ऑस्टियोकोंड्राइटिस
- कार्टिलेज का फटना
- कार्टिलेज का घिस जाना।
परहेज
इस रोग से पीड़त रोगी को कभी भी किसी प्रकार की खटाई, अचार, छाछ, दही, टमाटर तथा पेट में वायु बनाने वाले पदार्थो को नहीं खाना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को दालों का सेवन नहीं करना चाहिए।
घुटने के दर्द से पीड़ित रोगी को मैदे व बेसन से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
घुटने के दर्द से पीड़ित रोगी को तली-भुनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को ठंडे पदार्थों जैसे- कोल्डड्रिंक, आइसक्रीम, बर्फ का पानी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
घुटने के दर्द में चमत्कारिक उपचार
► तेल मालिश असरदार
दर्द वाली जगह पर गहराई से की गयी तेल की मालिश भी दर्द से छुटकारा पाने में एक असरदार तरीका है। जोड़ों के दर्द का तेल, किसी अच्छे तेल से लगातार 20 मिनिट तक की गयी मालिश ऊतकों में रक्तसंचार को बढ़ा देता है और दर्द और सूजन को दूर करता है।
► गर्म और ठंडी सिकाई
जोड़ों के दर्द से निजात के लिए गर्म और ठंडी सिकाई करने से भी बहुत आराम मिलता है। गर्म सिकाई करने से रक्त संचार बेहतर होता है वहीं ठंडी सिकाई से सूजन और चुभन कम होती है।
गर्म सिकाई के लिए गर्म पानी की बोतल को तौलिया में लपेट कर गर्दन की सिकाई करें। जबकि, ठंडी सिकाई करने के लिए बर्फ के टुकड़ों को तौलिया में लपेटकर, उस तौलिया से सिकाई करें। सिकाई करते वक्त कम से कम दो से तीन मिनट तक गर्दन की लगातार सिकाई होनी चाहिए।
यह पूरी प्रक्रिया 15 से 20 मिनट में दोहराएं। इस विधि को आराम होने तक दिन में दो बार करें। सिकाई करने के लिए इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
घुटनों के दर्द :- उपाय - 1
नीचे बताई गयी सामग्री को मिला कर हल्दी का एक दर्द निवारक पेस्ट बना लीजिये.
1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
1 छोटा चम्मच पीसी हुई चीनी, या बूरा या शहद
1 चुटकी चूना (जो पान में लगा कर खाया जाता है)
आवश्यकतानुसार पानी
इन सभी को अच्छी तरह मिला लीजिये. एक लाल रंग का गाढ़ा पेस्ट बन जाएगा.
यह पेस्ट कैसे प्रयोग करें:-
सोने से पहले यह पेस्ट अपने घुटनों पे लगाइए. इसे सारी रात घुटनों पे लगा रहने दीजिये.
सुबह साधारण पानी से धो लीजिये.
कुछ दिनों तक प्रतिदिन इसका इस्तेमाल करने से सूजन, खिंचाव, चोट आदि के कारण होने वाला घुटनों का दर्द पूरी तरह ठीक हो जाएगा.
घुटनों के दर्द :- उपाय - 2
1 छोटा चम्मच सोंठ का पाउडर लीजिये और इसमें थोडा सरसों का तेल मिलाइए.
इसे अच्छी तरह मिला कर गाड़ा पेस्ट बना लीजिये.
इसे अपने घुटनों पर मलिए. इसका प्रयोग आप दिन या रात कभी भी कर सकते हैं.
कुछ घंटों बाद इसे धो लीजिये. यह प्रयोग करने से आपको घुटनों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलेगा.
घुटनों का दर्द – उपाय 3
नीचे बताई गयी सामग्री लीजिये:-
4-5 बादाम
5-6 साबुत काली मिर्च
10 मुनक्का
6-7 अखरोट
प्रयोग:
इन सभी चीज़ों को एक साथ मिलाकर खाएं और साथ में गर्म दूध पीयें.
कुछ दिन तक यह प्रयोग रोजाना करने से आपको घुटनों के दर्द में आराम मिलेगा.
घुटनों का दर्द – उपाय 4
खजूर विटामिन ए, बी, सी, आयरन व फोस्फोरस का एक अच्छा प्राकृतिक स्रोत है. इसलिए, खजूर घुटनों के दर्द सहित सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द के लिए बहुत असरकारक है.
प्रयोग:
एक कप पानी में 7-8 खजूर रात भर भिगोयें.
सुबह खाली पेट ये खजूर खाएं और जिस पानी में खजूर भिगोये थे, वो पानी भी पीयें. ऐसा करने से घुटनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और घुटनों के दर्द में बहुत लाभ मिलता है.
घुटनों का दर्द – उपाय 5
नारियल भी घुटनों के दर्द के लिए बहुत अच्छी औषधी है.
नारियल का प्रयोग:
रोजाना सूखा नारियल खाएं.
नारियल का दूध पीयें.
घुटनों पर दिन में दो बार नारियल के तेल की मालिश करें.
इससे घुटनों के दर्द में अद्भुत लाभ होता है.
आशा है आपको इन आसान घरेलू उपायों की मदद से घुटनों के दर्द से छुटकारा मिलेगा और आपकी ज़िंदगी बेहतर हो सकेगी
घरेलू उपचार -part 1
1. आपके घुटनों में दर्द रहता है तो रोज रात को 2 चम्मच मैथी को एक ग्लास पानी में भिगो कर रख दे | और प्रात: काल खाली पेट मेथी को चबा चबा कर खाने से और मेथी का पानी पीने से आपको कभी भी घुटनो का दर्द नही होगा |
2. हर रोज आधा कच्चा नारियल खाने से बुढ़ापे में भी कभी आपको घुटनों के दर्द का परेशानी नही होगी |
3. 5 अखरोट प्रतिदिन खाली पेट खाने से आपके घुटने में कभी कष्ट नही होगा |
4. रोज रात को सोने से पहले एक ग्लास दूध ने हल्दी डाल कर पीने से आपको हड्डियों में दर्द की समस्या से मुक्ति मिलेगी |
5. एक दाल के दाने के बराबर थोड़ा सा चूना (“जो आप पान में लगा कर खाते है”) को दही में या पानी में मिला कर पीने से आपको हड्डियों में कभी दर्द नही होगा | चूने के पानी को हमेशा सीधे बैठकर ही पिए इससे आपको जल्दी आराम होगा | यह औषधि सिर्फ 1 महीने पीने से ही शरीर की किसी भी हड्डी में दर्द हो तो वो जल्दी ठीक हो जाएगा |
6. सुबह और शाम को भद्र आसन करने से आपको लाभ मिलेगा |
7. हड्डियों के दर्द से बचने के लिए आप अपने भोजन में 25% फल और सब्जियों को शामिल करेगे तो आपको कभी भी हड्डियों के दर्द का सामना नहीं करना पड़ेगा |
8. नारियल, सेब, संतरे, मौसमी, केले, नाशपति, तरबूज और खरबूजे आदि फलों का सेवन हर रोज जरुर करे |
9. गोभी, सोयाबीन, हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ खीरे, ककड़ी, गाजर, और मेथी को अवश्य शामिल करे |
10. दूध और दूध से बनी चीजे भरपूर मात्रा में खाए और कच्चा पनीर भी भोजन में शामिल करे, ऐसा करने से आपके जोड़ों के दर्द में कमी आएगी |
11. मोटा अनाज, मकई, बाजरा, चोकर वाले आटे की रोटियों का जरुर उपयोग करे | क्योंकि इनमे वो सभी तत्व होता है जो आपकी हड्डियों और जोड़ो के दर्द से मुक्ति दिलाता है |
12. एक ग्लास दूध में 4-5 लहसुन की कलियाँ डाल कर अच्छी तरह से उबाले और गुनगुना पीने से भी घुटनों के दर्द में आराम मिलता है |
13. हरसिंगार एक पौधा है जिसके सफेद रंग के फूल होते है ए फूल रात को खिलकर सुबह गिर जाते है इस पौधे के 6 से 7 पत्तों को सिल बट्टे पर पीसकर इसकी चटनी बना ले और एक गलास पानी में उबाले | उबलते उबलते जब यह आधा रहा जाये तो इसको गुनगुना करके प्रतिदिन खाली पेट पीये | ऐसा करने से आपके सरीर और जोड़ो के दर्द से आपको मुक्ति मिलेगी | इस औषधि के साथ कोई अन्य दवा नहीं लेनी है |
14. कनेर के पत्तों को उबालकर उसको उसके पत्तों की चटनी बना ले और तिल के तेल में मिलाकर घुटनों पर मालिश करे ऐसा करने से आपको दर्द से मुक्ति मिलेगी |
15. अगर अत्यधिक सर्दी की वजह से आपके दादा या दादी के घुटनों में बहुत अधिक पीड़ा है तो सरसों के तेल में लहसुन और अजवायन को पकाये और फिर जब यह तेल गुनगुना हो जाये तो घुटनों पर मालिश करे , उनका दर्द छू मंतर हो जायेगा |
घरेलू उपचार - part 2
* जोड़-दर्द या घुटनों का दर्द या आर्थराइटिस एवं गठिया आदि के रोगोपचारों के बारे में इन आजमाए हुए अचूक नुस्खों को प्रयोग करे ...
* घुटनों में दर्द को कम करने के लिए गरम या ठंडे पेड से सिकाई की जरूरत हो सकती है|
* घुटनों में तीव्र पीड़ा होने पर आराम की सलाह डी जाती है ताकि दर्द और सूजन कम हो सकेफिजियो थेरपी में चिकित्सक विभिन्न प्रक्रियाओं के द्वारा घुटनों के दर्द और सूजन को कम करने का प्रयास करते हैं...
* भोजन द्वारा इलाज के अंतर्गत रोजाना ३-४ खारक खाते रहने से घुटनों की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है| अस्थियों को मजबूत बनाए रखने के लिए केल्शियम का सेवन करना उपकारी है| केल्शियम की ५०० एम् जी की गोली सुबह शाम लेते रहें| | दूध ,दही,ब्रोकली और मछली में पर्याप्त केल्शियम होता है|
* घुटनों के लचीलेपन को बढाने के लिए दाल चीनी,जीरा,अदरक और हल्दी का उपयोग उत्तम फलकारी है| इन पदार्थों में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो घुटनों की सूजन और दर्द का निवारण करते हैं|
* मैथी दाने, सौंठ और हल्दी समान मात्रा में मिलाकर, पीसकर नित्य सुबह-शाम भोजन करने के बाद गरम पानी से, दो-दो चम्मच फ़की लेने से लाभ होता है.
* रोज सुबह भूखे पेट एक चम्मच कुटे हुए मैथी दाने में 1 ग्राम कलौंजी मिलाकर एक बार फाँकी लें.
* मैथी दाने हमेशा सुबह खाली पेट जबकि दोपहर और रात में खाना खाने के बाद, आधा चम्मच मात्रा, पानी के साथ फाँकने से सभी जोड़ मजबूत रहेंगे और जोड़ों में किसी भी प्रकार का दर्द कभी नहीं होगा.
* हल्दी-चूर्ण, गुड़, मैथी दाना पाऊडर और पानी सामान मात्रा में मिलाकर, गरम करके इनका लेप, रात को घुटनों पर करें व पट्टी बाँधकर रातभर बंधे रहने दें. सुबह पट्टी हटा कर साफ कर लें. कुछ ही दिनों में जबरदस्त फायदा महसूस होने लग जाएगा.
* अलसी के दानों के साथ 2 अखरोट की मिगी सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है.
* मैथी के लड्डू खाने से हाथ-पैर और जोड़ों के दर्दो में आराम मिलता है.
* अँकुरित मैथी दाने खाएँ और उसके खाने के बाद आधे घंटे तक कुछ न खाएँ.
* 30 की उम्र के बाद मैथी दाने की फाँकी लेने से शरीर के जोड़ मजबूत बने रहते हैं तथा बुढ़ापे तक मधुमेह, ब्लड प्रेशर और गठिया जैसे रोगों से बचाव होता है.
* मैथी दानों को तवे या कढ़ाही में गुलाबी होने तक सेकें. ठंडा होने पर पीस लें. रोज सुबह खाली पेट आधा चम्मच, एक गिलास पानी के साथ लें.
* मैथी दानों को दरदरा कूटकर सर्दियों में 2 चम्मच और गर्मी में एक चम्मच की फाँकी सुबह-सुबह खाली पेट पानी के साथ लें.
* नीम का तेल एवं अरंडी का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम इसकी मालिश कीजिए.
* अगर कैल्शियम की कमी से जोड़ों का दर्द हो तो खाने वाला चूना खाईए. गेंहू के दाने के आकार का चूना दही या दूध में घोल कर दिन में एक बार के हिसाब से, 90 दिन तक लीजिए. ध्यान रखें 90 दिन से अधिक नहीं लेना है.
* अगर घुटनों की चिकनाई ख़तम हुई हो गई हो और जोड़ो के दर्द में किसी भी प्रकार की दवा से आराम ना मिलता हो तो ऐसे लोग हारसिंगार (पारिजात) पेड़ के 12 पत्तों को कूटकर 1 गिलास पानी में उबालें. जब पानी एक चौथाई बच जाए तो बिना छाने ही ठंडा करके पी लें. 90 दिन में चिकनाई पूरी तरह वापिस बन जाएगी. अगर कुछ कमी रह जाए तो 1 महीने का अंतर देकर फिर से 90 दिन तक इसी क्रम को दोहराएँ. निश्चित लाभ की प्राप्ति होती है.
* गाजर में जोड़ों में दर्द को दूर करने के गुण मौजूद हैं |चीन में सैंकडों वर्षों से गाजर का इस्तेमाल संधिवात पीड़ा के लिए किया जाता रहा है| गाजर को पीस लीजिए और इसमें थोड़ा सा नीम्बू का रस मिलाकर रोजाना खाना उचित है| यह घुटनों के लिगामेंट्स का पोषण कर दर्द निवारण का काम करता है|
* मैथी के बीज संधिवात की पीड़ा निवारण करते हैं| एक चम्मच मैथी बीज रात भर साफ़ पानी में गलने दें | सुबह पानी निकाल दें और मैथी के बीज अच्छी तरह चबाकर खाएं| शुरू में तो कुछ कड़वा लगेगा लेकिन बाद में कुछ मिठास प्रतीत होगी| भारतीय चिकित्सा में मैथी बीज की गर्म तासीर मानी गयी है| यह गुण जोड़ों के दर्द दूर करने में मदद करता है|
* प्याज अपने सूजन विरोधी गुणों के कारण घुटनों की पीड़ा में लाभकारी हैं| दर असल प्याज में फायटोकेमीकल्स पाए जाते हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को ताकतवर बनाते हैं| प्याज में पाया जाने वाला गंधक जोड़ों में दर्द पैदा करने वाले एन्जाईम्स की उत्पत्ति रोकता है| एक ताजा रिसर्च में पाया गया है कि प्याज में मोरफीन की तरह के पीड़ा नाशक गुण होते हैं|
* गरम तेल से हल्की मालिश करना घुटनों के दर्द में बेहद उपयोगी है| एक बड़ा चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की २ कुली पीसकर डाल दें | इसे गरम करें कि लहसुन भली प्रकार पक जाए| आच से उतारकर मामूली गरम हालत में इस तेल से घुटनों या जोड़ों की मालिश करने से दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है| इस तेल में संधिवात की सूजन दूर करने के गुण हैं| घुटनों की पीड़ा निवारण की यह असरदार चिकित्सा है|
* प्रतिदिन नारियल की गिरी का सेवन करें|इससे घुटनों को ताकत आती है|
* लगातार 20 दिनों तक अखरोट की गिरी खाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है।
* बिना कुछ खाए प्रतिदिन प्रात: एक लहसन कली, दही के साथ दो महीने तक लेने से घुटनों के दर्द में चमत्कारिक लाभ होता है।
Part 3
१/. मैथी दाने, सौंठ और हल्दी समान मात्रा में मिलाकर, पीसकर नित्य सुबह-शाम भोजन करने के बाद गरम पानी से, दो-दो चम्मच फ़की लेने से लाभ होता है.
२/. रोज सुबह भूखे पेट एक चम्मच कुटे हुए मैथी दाने में 1 ग्राम कलौंजी मिलाकर एक बार फाँकी लें.
३/. मैथी दाने हमेशा सुबह खाली पेट जबकि दोपहर और रात में खाना खाने के बाद, आधा चम्मच मत्रा, पानी के साथ फाँकने से सभी जोड़ मजबूत रहेंगे और जोड़ों में किसी भी प्रकार का दर्द कभी नहीं होगा.
४/. हल्दी-चूर्ण, गुड़, मैथी दाना पाऊडर और पानी सामान मात्रा में मिलाकर, गरम करके इनका लेप, रात को घुटनों पर करें व पट्टी बाँधकर रातभर बंधे रहने दें. सुबह पट्टी हटा कर साफ कर लें. कुछ ही दिनों में जबरदस्त फायदा महसूस होने लग जाएगा.
५/. अलसी के दानों के साथ 2 अखरोट की मिगी सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है.
६/. मैथी के लड्डू खाने से हाथ-पैर और जोड़ों के दर्दो में आराम मिलता है.
७/. 30 की उम्र के बाद मैथी दाने की फाँकी लेने से शरीर के जोड़ मजबूत बने रहते हैं तथा बुढ़ापे तक मधुमेह, ब्लड प्रेशर और गठिया जैसे रोगों से बचाव होता है.
८/. मैथी दानों को तवे या कढ़ाही में गुलाबी होने तक सेकें. ठंडा होने पर पीस लें. रोज सुबह खाली पेट आधा चम्मच, एक गिलास पानी के साथ लें.
९/. मैथी दानों को दरदरा कूटकर सर्दियों में 2 चम्मच और गर्मी में एक चम्मच की फाँकी सुबह-सुबह खाली पेट पानी के साथ लें.
१०/. अँकुरित मैथी दाने खाएँ और उसके खाने के बाद आधे घंटे तक कुछ न खाएँ.
११/. नीम का तेल एवं अरंडी का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम इसकी मालिश कीजिए.
१२/. अगर कैल्शियम की कमी से जोड़ों का दर्द हो तो खाने वाला चूना खाईए. गेंहू के दाने के आकार का चूना दही या दूध में घोल कर दिन में एक बार के हिसाब से, 90 दिन तक लीजिए. ध्यान रखें 90 दिन से अधिक नहीं लेना है.
१३/. अगर घुटनों की चिकनाई ख़तम हुई हो गई हो और जोड़ो के दर्द में किसी भी प्रकार की दवा से आराम ना मिलता हो तो ऐसे लोग हारसिंगार (पारिजात) पेड़ के 12 पत्तों को कूटकर 1 गिलास पानी में उबालें. जब पानी एक चौथाई बच जाए तो बिना छाने ही ठंडा करके पी लें. 90 दिन में चिकनाई पूरी तरह वापिस बन जाएगी. अगर कुछ कमी रह जाए तो 1 महीने का अंतर देकर फिर से 90 दिन तक इसी क्रम को दोहराएँ. निश्चित लाभ की प्राप्ति होती है.
Natural chikitsa- प्राकृतिक उपचार part 1
घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए सबसे पहले दर्द वाले स्थान पर तेल लगा लें।
फिर इसके बाद आक के पत्तों को गर्म करके उस स्थान पर रखें और इसके ऊपर से रुई रखकर लाल कपड़े की पट्टी बांध लें। इससे कुछ ही दिनों में घुटनों में दर्द का रोग ठीक हो जाता है।
घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए निर्गुण्डी के ताजे 7-8 पत्तों को कुचलकर मिट्टी के घड़े में डालकर ढक्कन लगाकर गर्म कर लें। इसके कुछ देर बाद मिट्टी के घड़े को आग पर से उतार लें और पत्ते को हल्का ठंडा करके घुटने पर उस जगह लगायें, जिस जगह पर दर्द हो रहा हो। इसके बाद ऊपर से कपड़े की पट्टी बांधें और इस पट्टी को दिन में दो बार बदलें। इस प्रकार से कुछ दिनों तक उपचार करने से घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
घुटने के दर्द को प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने के लिए लगभग दो लीटर पानी में थोड़ी-सी नीम की पत्तियां, मेथीदाना, थोड़ी सी अजवाइन और आधा चम्मच नमक डालकर उबाल लें और जब यह गर्म हो जाए तो इसको हल्का सा ठंडा करके इस पानी में कपड़े के दो छोटे टुकड़े डाल दें और फिर इस कपड़े के टुकड़े को निकालकर, इससे घुटने पर सिंकाई करे। इसके फलस्वरूप घुटने का दर्द जल्दी ही ठीक हो जाता है।
घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए थोड़े से अरण्डी के पत्तों को पीस लें। फिर थोड़ा से कपूर और थोड़े से सरसों के तेल को इसके साथ मिलाकर कर घुटने के ऊपर लेप करें और फिर इसके ऊपर से कपड़े की पट्टी बांध लें। इसके बाद इसके ऊपर से गर्म सिंकाई करें जिसके फलस्वरूप घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए 5 ग्राम सोंठ, 50 ग्राम काला नमक तथा 100 ग्राम अजवाइन को एक सूखी कड़ाही में डालकर इसे भूने और फिर इसे गर्म-गर्म ही एक रूमाल में बांध लें। इसके बाद इससें घुटने पर सिंकाई करें। इससे कुछ ही समय में घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए मेथीदाना को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सुबह ताजे जल के साथ एक चम्मच लेने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।
सुबह के समय में खाली पेट 4 से 5 अखरोट की गिरियां अच्छी तरह से चबाकर खाने से कुछ ही दिनों में घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
इस रोग को ठीक करने के लिए प्रतिदिन नारियल की गिरी का एक टुकड़ा खाना चाहिए तथा यदि ताजा नारियल न मिले तो सूखे नारियल की गिरी खानी चाहिए।
इस रोग को ठीक करने के लिए प्रतिदिन 4 से 5 लहसुन की कलियां पानी के साथ निगलने से घुटने का दर्द कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
रात को सोते समय 100 ग्राम खजूर को एक गिलास पानी में भिगोने के लिए रख दें। सुबह के समय जब उठे तो इसे चबाकर खा जाएं। प्रतिदिन कुछ दिनों तक ऐसा करने से घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
20 ग्राम सूखे आंवले का चूर्ण, 10 ग्राम सोंठ, 10 ग्राम अजवाइन, 5 ग्राम काले नमक को एक साथ लेकर पीस लें। इस चूर्ण को रात को सोते समय आधा चम्मच सेवन करें। इससे यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
100 ग्राम छोटी हरड़ को कूट-पीसकर छान लें। रात को सोते समय इसके 5 ग्राम चूर्ण को दूध या गुनगुने पानी के साथ लें। इसका सेवन कुछ दिनों तक लगातार करने से घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
घुटने के दर्द से पीड़ित रोगी को सूर्य की किरणों में बैठकर घुटने की मालिश करनी चाहिए जिसके फलस्वरूप घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
घुटने के दर्द को योग के द्वारा भी ठीक किया जा सकता है। घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को पीठ के बल लेटना चाहिए। इसके बाद अपने घुटने को मोड़ते हुए पैरों को साइकिल की तरह चलाना चाहिए। इसके बाद घुटने को बिना मोड़े अपने पैर को ऊपर नीचे लगभग 18 से 20 बार करें। जिसके फलस्वरूप घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
घुटने के दर्द से पीड़ित रोगी यदि प्रतिदिन वज्रासन करे तो उसे बहुत अधिक लाभ मिलता है तथा वज्रासन करते समय बैठने वाले स्थान पर गर्म तकिया रखना चाहिए।
इस रोग से पीड़ित रोगी को पेट के बल लेट कर पैरों को मोड़े और दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़े। इस प्रकार से क्रिया प्रतिदिन करने से घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए घुटने पर लाल रंग के सूती कपड़े की पट्टी बांधनी चाहिए तथा पट्टी कम से कम 6 इंच चौड़ी होनी चाहिए।
सुबह के समय में सूर्य की किरणों के सामने अपने पैरों को इस प्रकार रखें कि सूर्य की किरणें पड़े। इस प्रकर से कम से कम आधे घण्टे तक सूर्य के सामने बैठना चाहिए।
प्रतिदिन घुटने पर लाल तेल से मालिश करनी चाहिए, जिसके फलस्वरूप घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
Part 2 - natural चिकित्सा
घुटनों में दर्द को कम करने के लिए गरम या ठंडे पेड से सिकाई की जरूरत हो सकती है| घुटनों में तीव्र पीड़ा होने पर आराम की सलाह डी जाती है ताकि दर्द और सूजन कम हो सके फिजियो थेरपी में चिकित्सक विभिन्न प्रक्रियाओं के द्वारा घुटनों के दर्द और सूजन को कम करने का प्रयास करते हैं
भोजन द्वारा इलाज के अंतर्गत रोजाना ३-४ खारक खाते रहने से घुटनों की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है| अस्थियों को मजबूत बनाए रखने के लिए केल्शियम का सेवन करना उपकारी है| केल्शियम की ५०० एम् जी की गोली सुबह शाम लेते रहें| | दूध ,दही,ब्रोकली और मछली में पर्याप्त केल्शियम होता है|
घुटनों के लचीलेपन को बढाने के लिए दाल चीनी,जीरा,अदरक और हल्दी का उपयोग उत्तम फलकारी है| इन पदार्थों में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो घुटनों की सूजन और दर्द का निवारण करते हैं|
गाजर में जोड़ों में दर्द को दूर करने के गुण मौजूद हैं |चीन में सैंकडों वर्षों से गाजर का इस्तेमाल संधिवात पीड़ा के लिए किया जाता रहा है| गाजर को पीस लीजिए और इसमें थोड़ा सा नीम्बू का रस मिलाकर रोजाना खाना उचित है| यह घुटनों के लिगामेंट्स का पोषण कर दर्द निवारण का काम करता है|
मैथी के बीज संधिवात की पीड़ा निवारण करते हैं| एक चम्मच मैथी बीज रात भर साफ़ पानी में गलने दें | सुबह पानी निकाल दें और मैथी के बीज अच्छी तरह चबाकर खाएं| शुरू में तो कुछ कड़वा लगेगा लेकिन बाद में कुछ मिठास प्रतीत होगी| भारतीय चिकित्सा में मैथी बीज की गर्म तासीर मानी गयी है| यह गुण जोड़ों के दर्द दूर करने में मदद करता है|
प्याज अपने सूजन विरोधी गुणों के कारण घुटनों की पीड़ा में लाभकारी हैं| दर असल प्याज में फायटोकेमीकल्स पाए जाते हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को ताकतवर बनाते हैं| प्याज में पाया जाने वाला गंधक जोड़ों में दर्द पैदा करने वाले एन्जाईम्स की उत्पत्ति रोकता है| एक ताजा रिसर्च में पाया गया है कि प्याज में मोरफीन की तरह के पीड़ा नाशक गुण होते हैं|
गरम तेल से हल्की मालिश करना घुटनों के दर्द में बेहद उपयोगी है| एक बड़ा चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की २ कुली पीसकर डाल दें | इसे गरम करें कि लहसुन भली प्रकार पक जाए| आच से उतारकर मामूली गरम हालत में इस तेल से घुटनों या जोड़ों की मालिश करने से दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है| इस तेल में संधिवात की सूजन दूर करने के गुण हैं| घुटनों की पीड़ा निवारण की यह असरदार चिकित्सा है|
जोड़ों की पीड़ा दूर करने के लिये तेल निर्माण करने का एक बेहद असरदार फार्मूला नीचे लिख रहा हूँ ,जरूर प्रयोग करें-
काला उड़द १० ग्राम ,बारीक पीसा हुआ अदरक ५ ग्राम ,पीसा हुआ कर्पूर २ ग्राम लें| ये तीनों पदार्थ ५0 ग्राम सरसों के तेल में ५ मिनिट तक गरम करें और आंच से उतारकर छानकर बोतल में भर लें| मामूली गरम इस तेल से जोड़ों की मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है| दिन में २-३ बार मालिश करना उचित है| यह तेल आर्थ्रराईटीज जैसे दर्दनाक रोगों में भी गजब का असर दिखाता है|
आहार सेवन
1. घुटने के दर्द हेतु लिए जाने वाले आहार में आर्गेनिक फल, जंगली मछली, आर्गेनिक मेवे और गिरियाँ, नारियल का तेल, एक्स्ट्रा वर्जिन आयल, और ओमेगा-3 अंडे।
2. पालक में ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आपको ओस्टियोआर्थराइटिस और घुटनों के दर्द से दूर रखता है।
3. मसाले जैसे दालचीनी, धनिये के बीज और हल्दी में शक्तिशाली सूजन-रोधी गुण होते हैं। अदरक अन्य प्रभावी मसाला है जो घुटने के दर्द को घटाता है।
4. घुटने के दर्द में खासकर दो विटामिन, विटामिन डी और विटामिन सी, सहायक होते हैं। विटामिन सी से समृद्ध आहार जैसे संतरे, शिमला मिर्च, ग्रेपफ्रूट, स्ट्रॉबेरी एंड ब्रोकोली।
5. विटामिन डी सीधे सूर्य के प्रकाश से और विटामिन डी से समृद्ध आहारों जैसे वसायुक्त मछली, विटामिन डी की शक्ति से समृद्ध दूध, दही, संतरे का रस और दलिया।
6. बादाम, सूरजमुखी का तेल और बीज, सफ्लोवर तेल, हेज़लनट्स, मूंगफली और पालक विटामिन ई के स्रोत हैं। विटामिन ई अपने शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है।
जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए टिप्स:
1. गतिशील रहें (Keep moving)
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए गतिशील रहें, यानि जोड़ों की मूवमेंट होती रहनी चाहिए। लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने से भी जोड़ों में कठोरता महसूस होती है।
2. जोड़ों को चोट से बचाएं (Prevent joints from injury)
जोड़ों पर लगी चोट, हड्डी को तोड़ भी सकती है, इसलिए जोड़ों को चोट से बचाकर रखें। जब भी कोई ऐसा खेल खेलें जिसमें जोड़ों पर चोट लगने का डर हो, तो ज्वाइंट सेफ्टी पेड्स (Joint safety pads) पहनें। टेनिस और गोल्फ खेलते समय भी ब्रेसेस (braces) पहनें।
3. वजन को नियंत्रित रखें (Maintain your weight)
यदि आपका वजन नियंत्रण में रहेगा तो आपके जोड़ भी स्वास्थ्य रहेंगे। शरीर का ज्यादा वजन घुटनों और कमर पर अधिक दबाव डालता है, जिससे कार्टिलेज (cartilage) के टूटने का डर रहता है। ऐसे में वजन को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है।
4. स्ट्रेचिंग ज्यादा न करें (Do not stretch more)
व्यायाम करते समय स्ट्रेचिंग करने की भी सलाह दी जाती है, लेकिन स्ट्रेचिंग केवल हफ्ते में तीन बार करें। स्ट्रेचिंग को एकदम शुरू करने की जगह, इससे पहले वार्म अप व्यायाम (warm up exercise) करें।
5. दूध पीएं (Drink milk)
जोड़ों को मजबूत रखने के लिए दूध जरूर पीएं। दूध से हड्डियों को कैल्श्यिम और विटामिन डी मिलता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। यदि दूध पसंद न हो तो दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थ जैसे पनीर, दही आदि भी खाए जा सकते हैं।
6. सही पोश्चर बनाए रखें (Maintain right posture)
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए सही पोश्चर में उठना, बैठना और चलना बेहद जरूरी है। सही पोश्चर गर्दन से लेकर घुटनों तक के जोड़ों की रक्षा करता है।
7. व्यायाम (Exercise)
जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए व्यायाम को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। तैराकी (swimming) भी जोड़ों के दर्द से राहत के लिए अच्छा व्यायाम होती है।
लाभदायक आसन:
धनुरासन
इस आसान को करते समय शरीर की आकृति धनुष के सामान नजर आती है इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है। यह रीड की हड्डी, घुटनों और पैरों के लिए बहुत ही लाभदायक आसन है।
समतल जमीन पर चटाई बिछाकर पेट के बल लेट जाएं और थोड़ी को जमीन से लगाकर रखे। अब पैरों को घुटने से मोड़े और पंजो को हाथो से पकड़ने का प्रयास करें। फिर साँस भरते हुए और बाजुओं को सीधे रखते हुए, सिर, कंधे और छाती को ऊपर उठाएं।
इस स्थिति में साँस सामान्य रखें और कुछ सेकंड के बाद साँस छोड़ते हुए पहले छाती, कंधे और ठुड्डी को धीरे-धीरे जमीन की ओर लाएं। अब पंजों को छोडदे और कुछ समय आराम करें। इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।
► सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार शरीर के समस्त भाग को लचीला करने में सहायक होता है। यह योग आसन शरीर की मांसपेसियों को धीरे कर देता है। जिसके बाद व्यायाम करना चाहिए। यह घुटनो के लिए बहुत लाभप्रद होता है।
► सेतुबंध
यह आसन रीड की हड्डियों को मजबूत, कमर दर्द और शरीर के सभी जोड़ो को आराम पहुँचाने में सहायक है। इस आसन को करने से पेट के सभी अंगों जैसे लिवर, पेन्क्रियाज और आंतो में खिचाव आता है। कब्ज से मुक्ति मिलती है और भूख भी खुलकर लगती है।
सबसे पहले समतल जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं और हाथो को शरीर के बगल में रखें, और हथेलियों को जमीन से चिपका कर रखें।
अब दोनों घुटनों को मोड़े और तलवो को जमीन से लगा कर रखें। फिर साँस लेते हुए कमर को ऊपर उठाने की कोशिश करें, प्रयास करें कि आपकी थोड़ी छाती को छुए। इस दौरान कोहनियों को मोड़ कर, कमर के नीचे हथेलियों को रखकर सपोर्ट दें। कुछ समय बाद कमर को नीचे कर लें और सामान्य अवस्था में आ जाएं।
► सुखासन
सुखासन एक ऐसा आसान है जिसे किसी भी आसान को करने के पहले करना लाभदायक होता है। इसमें घुटने 90 डिग्री तक मुड़ते है, जिससे उनको दर्द में आराम मिलता है।
इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को मोड़कर, पालथी मरकर बैठ जाये, कमर, गर्दन और रीड की हड्डी को सीधा रखें।
► वज्रासन
वज्रासन बहुत ही सरल आसन है इसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है। बस पैरो को घुटने से मोड़कर, शरीर का भार पेरो पर रखें तथा पैरो के अंगूठो को एक दूसरे के ऊपर रख लेंगे। फिर एड़ियों को बाहर की ओर फैलाकर रखने के लिए जगह बना लें। हाथो को घुटनो पर रखेंगे।
इस आसन को करने से घुटनों के दर्द में आराम मिलेगा।
► ताड़ आसन
ताड़ एक पेड़ का नाम है। शरीर को ऊपर की ओर ताड की तरह खीचना ही ताड़ आसान कहलाता है। इस आसन को करने से शरीर के जोड़ों को बल मिलता है और उनमे लचीलापन आता है। यह आसन रीड की हड्डी में खिचाव लाता है जिससे पीठ पर जोर पड़ता है।
गठिया के अलावा कमर दर्द, स्लिप डिस्क जैसे रोगों में भी यह लाभप्रद है। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं,
अब साँस लेते हुए हाथों को ऊपर की और खींचे। शरीर को जितना खींच सकते है उतना खींचे, अपने शरीर का सारा भार अपने पेरो के पंगो पर डालें। कुछ समय इस अवस्था में रहने के बाद साँस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं।
► गोमुखासन
यह रीढ़ को सीधा रखने के साथ साथ इसको मजबूत भी बनाता है। इसके नियमित अभ्यास से आप कमर दर्द के परेशानियों से राहत पा सकते हैं।
इस आसन के अभ्यास से आप बहुत सारी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं जैसे कंधा जकड़न, गर्दन में दर्द, तथा सर्वाइकल स्पॉेण्डिलाइटिस। गोमुखासन योग को करने का तरीका बहुत सरल है। सबसे पहले आप दोनों पैरों को आगे की ओर फैला कर बैठ जाएं और हाथ को बगल में रखें। बाएं पांव को घुटने से मोड़ें तथा दाएं नितंब (Buttocks) की बगल से जमीन पर रख लें।
उसी तरह से दाएं पांव को घुटने से मोड़ें, बाएं पांव के ऊपर से लाएं तथा दाईं एड़ी को बाएं नितंब (Buttocks) के पास रखें। अब आप बाईं हाथ को उठाएं और इसको कोहनी (Elbow) से मोड़ें और पीछे की ओर कंधों से नीचे ले जाएं। दार्इं बांह उठाएं, कोहनी (Elbow) से मोड़ें और ऊपर की ओर ले जाकर पीछे पीठ पर ले जाएं। दोनों हाथों की अंगुलियों को पीठ के पीछे इस तरह से रखें कि एक दूसरे को आपस में गूंथ लें। अब सिर को कोहनी पर टिकाकर यथासंभव पीछे की ओर धकेलने का प्रयास करें। जहाँ तक हो सके आगे देखने की कोशिश करें और अपने हिसाब से आसन को धारण करें। यह आधा चक्र हुआ। पांवों और हाथों की स्थिति बदलते हुए इसे दोहराएं। अब एक चक्र पूरा हुआ इस तरह से आप तीन से पांच बार करें।
► वीरभद्रासन
वीरभद्र एक शक्तिशाली योद्धा थे उन्ही के नाम पर इस आसन यह नाम दिया गया है। वह भगवान शिव के अवतार थे। इस आसन को करने से शरीर को शक्ति मिलती है।
यदि आप अत्यधित वजन तथा कमर, जांघ आदि में बढ़ रही चर्बी से परेशान है तो यह योग आपके लिए बेहतर उपाय है इन सब समस्याओ से उभरने का। सबसे पहले दोनों पैरों के बीच 3 से 4 फ़ीट का अंतर रखकर सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने दायें घुटने को मोड़े ताकि आप धक्का मारने की स्थिति में नजर आएं। अपने धड़ को मुड़े हुए दाए पैर की और मोड़े।
अब अपने हाथो को कंधे के बराबर सीधा करें ध्यान हथेलियां आसमान की ओर खुली रहें। इस अवस्था में आपकी छाती पूरी खुली हुई होना चाहिए, अब धीरे-धीरे अपनी हथेलियों को सिर के ऊपर ले जाकर नमस्कार की मुद्रा बना लें। कुछ समय इस अवस्था में रहें और पुनः इस क्रिया को दोहराएं।
OSTEO-ARTHRITIS (सन्धिवात / सन्धिक्षय):
अश्वगंधा, शिलाजतु, मण्डूकपर्णी, दुग्धिका, यशद ( Cartogen Tab), शल्लकी, एरण्डमूल, जातीफल (Loswel Tab/Oil), अस्थि-श्रृंखला, मण्डूकपर्णी, अर्जुन (Nubon Tab), मुक्ताशुक्ति, आमलकी, अभ्रक, यशद (Ossie Tab), जातीफल, गोदन्ती, वत्सनाभ (Dolid Tab), शतावरी।
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